देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2022 में वर्षा ऋतु के आगमन के फलस्वरूप उत्तराखण्ड राज्य अनेक आपदाओं के दृष्टिगत अत्यन्त संवेदनशील है। विगत वर्षों में वर्षा ऋतु के दौरान भूस्खलन, अतिवृष्टि, बाढ़ व बादल फटने की घटनाएं संज्ञान में आई है। अतः आपदाओं के न्यूनीकरण हेतु विद्यालयों के लिए वन्दना गर्व्याल, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, देहरादून द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। विद्यालयों के समीप संभावित भूस्खलन क्षेत्र में जनसामान्य की मदद से सुरक्षा दीवार/सुरक्षा जाल लगाने बाढ़ सम्भावित क्षेत्र में सुरक्षा दीवार निर्मित करने आदि आपदा सम्बन्धी रोकथाम एवं न्यूनीकरण के प्रयास विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा किये जा सकते हैं। साथ ही विद्यालय के समस्त छात्र/छात्राओं शिक्षकों, कार्मिकों तथा अभिभावकों को इस विषय में जागरूक किया जाय। ताकि आपदा से होने वाले खतरों से बचाव किया जा सकें। बरसात के मौसम में प्रधानाध्यापक द्वारा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालयों के भवन एवं परिसर का आकलन अनिवार्यता किया जाय, किसी भी दशा में छात्र-छात्राओं को जीर्ण-शीर्ण कक्षा-कक्षों में न बिठाया जाए। इसके लिए पृथक से उपलब्ध कक्षा-कक्षों अथवा पंचायत भवनों में पठन-पाठन की व्यवस्था की जाए। यदि विद्यालय के रास्ते में बरसाती नदी/नाला/गदेरे का खतरा हो तो छात्र-छात्राओं को विद्यालय प्रबन्धन समिति के माध्यम से निर्देश दिये जाए कि वे अभिभावकों के अनुरक्षण में ही विद्यालय आये। विद्यालय स्तर से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए व बच्चों को किसी भी दशा में जीर्ण-शीर्ण दीवारों की ओट में न बिठाया जाए। विद्यालय प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय भवन की छतों का निरीक्षण किया जाए, छत पर उगे हुए पेड़-पौधों को हटाते हुए इनकी मरम्मत करा ली जाए। विद्यालय प्रांगण में यदि कोई जर्जर वृक्ष हो तो वन विभाग से अनापत्ति लेते हुए प्रशासन की मदद से उसे कटवाने की प्रक्रिया कर ली जाए। विद्यालय परिसर के आस-पास रपटा/फिसलने वाले मार्गों की मरम्मत कर लिया जाय विद्यालय परिसर के आस-पास पानी एकत्र न होने दें ताकि मच्छरों एवं गन्दगी से फैलने वाले रोगों से भी बचा जाये। विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जाय, जिससे बच्चों को दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों यथा टाइफाइड, पीलिया आदि रोगों से बचाया जा सके। किसी भी आपदा में सामान्य प्रशासन यथा जिलाधिकारी/उप जिलाधिकारी स्तर से निर्गत निर्देशों का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें।
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देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मोथोरोवला में आज वृक्षारोपण करते हुए उत्तराखन्ड का लोकपर्व हरेला बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाया। उल्लेखनिय है कि उक्त विश्वविघालय द्दारा मोथरावाला गांव को गोद लिया गया है। इसी के तहत आज वहां कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुक्त विश्वविद्यालय परिसर के निदेशक डा0 सुभाष रमोला ने कहा कि उत्तराखन्ड का लोकपर्व हरेला हरियाली का प्रतीक है। उन्होने कहा हम सबको मिलकर वृक्षारोपण के लिए आगे आना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक डा0भावना डोभाल ने कहा कि पेड़ो के बगैर जीवन नामुमकिन है। हमें पेड़ लगाकर उनके संरक्षण का भी संकल्प लेना होगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विवि के डा0 नरेन्द्र जगूड़ी ने कहा हर किसी को वृक्षारोपण करते हुए प्राकृतिक सुन्दरता में अपना योगदान देना चाहिए। वृक्षारोपण कार्यकर्म के पश्चात एक बैठक का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने का संकल्प लिया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में पार्षद प्रतिनिधि ललित शर्मा ने हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए सभी से एक-एक पेड़ लगाने का आह्ववान किया। इस अवसर पर विवि के बीएम खाती, अजय, अभिषेक, चेतन थापा, सुनील, राहुल समेत मोथोरोवाला से काफी संख्या मे आये लोगों ने वृक्षारोपण में अपनी भागेदारी निभाई।
रूद्रपुर, ब्यूरो। देवभूमि पत्रकार यूनियन, पंजी.के प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल व प्रदेश महासचिव डा. वी.डी.शर्मा ने वरिष्ठ पत्रकार अशोक गुलाटी को यूनियन की उधम सिंह नगर इकाई का जिला अध्यक्ष मनोनीत किया है। इस अवसर पर यहां हुई एक बैठक में प्रदेश के दोनों अधिकारियों ने श्री गुलाटी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। नव मनोनीत श्री गुलाटी से अपेक्षा की गई है कि वे एक माह के भीतर कार्यकारिणी का गठन कर प्रदेश से संस्तुति प्राप्त कर लें तथा यूनियन के विस्तार, नीतियों व सिद्धांतों का पालन करेंगे। श्री गुलाटी ने आश्वस्त किया कि वे यूनियन के हित में सहयोग करेंगे। बैठक की अध्यक्षता सूर्य प्रकाश भट्ट जी की। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल, प्रदेश महासचिव डा. वी.डी.शर्मा, राजकुमार केसरवानी, जिलाध्यक्ष, अतुल गुप्ता, कोषाध्यक्ष आदि मौजूद थे।
देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने आज हरेला पर्व के शुभ अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को पर्व की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की लोक परम्परा का यह अद्भुत पर्व है। पूरे विश्व के पर्यावरण में उत्तराखण्ड के वनों, उद्यानों, राष्ट्रीय अभ्यारण्य, राष्ट्रीय पार्कों का अलग महत्व व योगदान है। इस अवसर पर करन माहरा ने स्वयं देहरादून के गांधी पार्क में वृक्षा रोपण किया तथा प्रदेश के समस्त कांग्रेसजनों से भी अपने-अपने क्षेत्रों में वृक्षारोपण करने की अपील की। करन माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का एक विशिष्ठ राज्य है जिसमें कुल भूमि का 67 प्रतिशत भू-भाग वन भूमि है और हमारे पास 47 प्रतिशत वन विद्यमान हैं व 20 प्रतिशत भूमि वन भूमि है किन्तु उसमें वन नहीं हैं। उन्होंने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि 20 प्रतिशत खाली पडी वन भूमि में वन से जुडी गतिविधियां चलाने की योजना बनाकर उसे रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र का देश एवं पर्यावरण की रक्षा में विशेष योगदान रहा है तथा उत्तराखण्ड ने देश एवं विश्व के पर्यावरण की रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिस प्रकार लगातार हिमालय के ग्लेशियर एवं हरियाली कम होती जा रही है उसकी रक्षा के लिए वृक्षा रोपण कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्य होने के कारण यहां के जनमानस का वृक्षों के प्रति विशेष श्रद्धा एवं आदर का भाव रहा है, परन्तु हमें केवल वृक्षा रोपण तक ही सीमित नहीं रहना है हमें इन पेड़ों की रक्षा भी सुनिश्चित करनी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में हरेला पर्व के रूप में वृक्षा रोपण को मनाने की परम्परा सदियों पुरानी रही है इसीलिए विश्व पर्यावरण की रक्षा में देवभूमि उत्तराखण्ड के महत्व को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण महान कार्य है, पेड़ विभिन्न तरीके से प्रकृति को संरक्षण देने का काम करते हैं। उन्होने प्रदेशभर के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी अपील की कि आज समय की मांग है कि हम सबको मिलकर पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ हिमालय की रक्षा के लिए भी आगे आना होगा। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, पूर्व सांसद महेन्द्र सिंह पाल, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, राजेन्द्र शाह, याकूब सिद्धिकी, डॉ0...
देहरादून, ब्यूरो। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के शुभ अवसर पर, डब्लूआईसी इंडिया, देहरादून ने कवि सम्मेलन शाम ऐ अदब का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने देहरादून और उत्तराखंड के युवा और नवोदित कवियों और लेखकों को साहित्य और कविता के लिए अपनी क्षमता दिखाने के लिए एक मंच प्रदान किया। डॉ महेश भट्ट, सर्जन और लेखक, डॉ कौशिक घोष, फेकल्टी स्कूल ऑफ़ कंप्यूटर साइंस, यूपीईएस, देहरादून, नूपुर झा, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर स्कूल फॉर लाइफ, डॉ साची नेगी, असिस्टेंट प्रोफेसर, डी आईटी यूनिवर्सिटी, देहरादून इस कवि सम्मेलन के पैनलिस्ट थे। विभिन्न आयु समूहों के 30...
देहरादून, ब्यूरो। भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने आज ऑल न्यू ओला एस 1 स्कूटर लॉन्च किया है प्रीमियम डिजाइन बेहतर प्रदर्शन श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं और नए युग से जुड़ी तकनीक के साथ यह अपनी श्रेणी में सबसे उन्नत स्कूटर बन गया है 3 केडब्ल्यूएच लिथियम-आयन बैटरी पैक से लैस ओला एस 1 को 131 किलोमीटर की एआरएआई प्रमाणित रेंज नॉर्मल मोड पर 101 किलोमीटर की वास्तविक रेंज इको मोड पर 128 किलोमीटर और स्पोर्ट्स मोड पर 90 किलोमीटर की रेंज हासिल है बेहतरीन मूवओएस फीचर्स जैसे कि संगीत प्लेबैक, नेविगेशन, कंपेनियन ऐप और रिवर्स मोड इस स्कूटर में भरपूर हैं इसकी 95 किमी/घंटा की शीर्ष गति इसे सेगमेंट में सबसे तेज़ स्कूटरों में से एक बनाती है पोर्सिलेन व्हाइट, जेट ब्लैक, नियो मिंट, कोरल ग्लैम और लिक्विड सिल्वर में उपलब्ध एस 1 को 99,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया है।...
देहरादून, ब्यूरो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित सभागार में उत्तराखण्ड पुलिस एप तथा ई-एफआईआर सेवा का शुभारम्भ किया। उत्तराखण्ड पुलिस की 5 विभिन्न ऑनलाईन सेवा का एकीकरण कर नया पुलिस एप तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस एप के माध्यम जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने इसे सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मंत्र के साथ जन सेवा के लिये किया गया बेहतर प्रयास बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग के विचार को धरातल पर उतारने की भी यह सराहनीय पहल है। मुख्यमंत्री ने इस एप का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि नशामुक्त उत्तराखण्ड बनाने तथा चारधाम के साथ ही नये पर्यटन गंतव्यों को बढ़ावा देने की भी इसके माध्यम से प्रभावी व्यवस्था हो। उन्होंने आम जनता की सुविधा के लिये पुलिस विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी अपनी आन लाइन सेवाओं के माध्यम से प्रयास किये जाने चाहिए। जनता को बेहतर सुविधाये प्रदान करना हमारा उदेद्श्य होना चाहिए। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखण्ड पुलिस एप के माध्यम से उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा आम-जनता के लिये संचालित की जा रही सभी ऑनलाईन सुविधाओं का एक साथ एकीकरण किया गया है, जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा संचालित ऑनलाईन एप्प- गौरा शक्ति (महिला सम्बन्धी प्रकरणों में जनपद के किसी भी अधिकारी की शिकायत), ट्रैफिक आई (किसी भी व्यक्ति द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन की जानकारी), पब्लिक आई (किसी भी सुरक्षा सम्बन्धी कानून नियम का उल्लंघन), मेरी यात्रा (उत्तराखण्ड चार धाम से सम्बन्धित जानकारी और पर्यटन संबंधी) एवं लक्ष्य नशा मुक्त उत्तराखण्ड (नशे से बचाव व उससे सम्बधित जानकारी) जैसी सभी महत्वपूर्ण ऑनलाईन एप्प को एक ही एप्प उत्तराखण्ड पुलिस एप्प के नाम से प्रारम्भ कर आम जनता को सुविधा प्रदान की गयी हैं। उत्तराखण्ड पुलिस एप्प में आम-जनता को आपतकालीन नम्बर 112 व अपनी साथ हुयी साइबर वित्तीय धोखाधडी की शिकायत दर्ज करने हेतु साइबर हैल्प लाईन नम्बर 1930 को भी जोडा गया है । उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखण्ड पुलिस एप के माध्यम से अब आम जन नागरिक वेब पोर्टल (नागरिक पोर्टल) या मोबाइल फोन का उपयोग कर अपने चोरी हुये वाहनों/गुमशुदा दस्तावेजों की ऑनलाईन रिपोर्ट उत्तराखण्ड राज्य के किसी भी जनपद से घर बैठे ही करा सकेंगे। वाहन चोरी/दस्तावेज गुमशुदा सम्बन्धी रिपोर्ट दिये गये विवरण के अनुसार भरनी होगी, जनता द्वारा दी गयी जानकारी तुरन्त ही सीधे ई0एफ0आर0...
देहरादून, ब्यूरो। आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित जोशी ने एक बयान जारी करते हुए शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत और शिक्षा विभाग पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों की खबरों से संज्ञान लेते हुए मालूम चला कि शिक्षा विभाग में रुद्रप्रयाग जनपद में एक मृत शिक्षक का ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे साफ मालूम चलता है कि प्रदेश में अधिकारी किस तरीके से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर तो शिक्षा मंत्री शिक्षा विभाग और शिक्षा को सुधारने की बात कर रहे हैं लेकिन वही उनके विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मृत शिक्षकों के ट्रांसफर करके विभाग की किरकिरी उड़ाते हुए प्रदेश का नाम भी बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक ओर राज्य में सभी स्कूल खुल चुके हैं लेकिन शिक्षा विभाग बच्चों को किताबें मुहैया कराने के स्थान पर मृत शिक्षकों के ट्रांसफर में व्यस्त हैं। अमित जोशी ने कहा कि शिक्षा विभाग में पहले ही स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं और एक बार फिर यह सिद्ध हो चुका है कि शिक्षा विभाग राम भरोसे चल रहा है। आम आदमी पार्टी ऐसी लापरवाही को कतई भी प्रदेश में बर्दाश्त नहीं करेगी और आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि तुरंत इस मामले में एक विभागीय जांच गठित कर दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए ताकि प्रदेश की साख पर कोई बट्टा न लग सके।
देहरादून, ब्यूरो। ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में प्रातः समय पंडितों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महारुद्राभिषेक का आयोजन किया। आदिदेव महादेव की पंचोपचार से पूजन अर्चन के बाद महारुद्राभिषेक करने के बाद विशेष श्रृंगार किया और जय भोले के नारों से पूर्णानंद घाट गूँज उठा। प्रातः 6 बजे से ओम नमः शिवाय व हर हर महादेव के जयघोष करते हुए सम्मिलित हुए। पंडित हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने बताया कि भगवान की दिव्य भस्म आरती की फूलों से भगवान का मनोहारी श्रृंगार हुआ। सुशीला सेमवाल ने बताया कि सावन में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। सावन माह में भगवान शिव ही सृष्टि का संचालन करते हैं। इसलिए इस समय रुद्राभिषेक अधिक और तुरंत फलदायी होता है। रुद्राभिषेक से सभी परेशानियां दूर होती हैं, परिवार में सुख- समृद्धि और शांति आती है। डॉक्टर ज्योति शर्मा ने कहा कि अपनी सांसों के कर्ज मुक्ति के लिए कांवड़ यात्रा की याद में अपने घर जाकर एक पौधे जरूर लगाए। मानव जीवन में जितनी आक्सीजन की आवश्यकता होती है। जिस व्यक्ति ने अपने जीवनकाल में एक पौधा भी नहीं लगाया, उसे अपने अंतिम संस्कार में लकड़ी के उपयोग का नैतिक अधिकार भी नहीं है। कांवड़ियों को सफाई, स्वच्छता की दिलाई शपथ। कांवड़ियों को गंगा तट पूर्णानंद घाट पर सफाई की और स्वच्छता का संदेश दिया। स्वच्छता का बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का आह्वान किया। ऋषिकेश क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी, यही है मेरी ड्रीम सिटी पर आयोजित रुद्राभिषेक किया। रुद्राभिषेक में मुख्य रूप आचार्य मोहित बडोनी, आचार्य सुमित भट्ट, पंडित मनीष बडोनी, ऐ ओ सर्वेश कुमार त्यागी, सर्वाेदय त्यागी आदि ने परिवार सहित रुद्राभिषेक किया।
देहरादून, ब्यूरो। युवा सामाजिक कार्यकर्ता एवं यूथ रॉक्स फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. दिव्या नेगी घई ने कहा कि शिव भक्तों का पवित्र महीना सावन का आगाज हो चुका है, हमारे पूरे भारत वर्ष एवं अन्य देशों में रहने वाले शिव भक्त इस पवित्र सावन महीने में जलाभिषेक करने हरिद्वार, नीलकंठ एवं उत्तराखंड के अन्य शिव मंदिरों में आते हैं। वही उत्तराखंड में कावड़ियों के आगमन से हर तरफ शिवभक्त केसरिया एवं गेरुआ रंग में दिखाई देते हैं वही शिव के भक्ति संगीत एवं ढोल मृदंग की आवाज एवं शिव के नारों से उत्तराखंड की धरती सराबोर हो जाती है। कांवरियों की यह यात्रा उत्तराखंड की धरती पर सदियों से चली आ रही है जो मां गंगा के जल से भगवान शिव का जलाभिषेक कर पुण्य की प्राप्ति एवं समाज में सद्भावना का प्रतीक माना जाता है। पूरे भारतवर्ष में शिव भक्त हर साल इंतजार करते हैं इस सावन के पावन कावर यात्रा में शामिल होने के लिए। इस कावड़ यात्रा में कई शिव भक्त भूखे पेट पदयात्रा करते हैं वहीं कई शिवभक्त नंगे पांव मीलों चलते हुए हरिद्वार पहुंचते हैं। शिवभक्त पूरे रास्ते में बोल बम, ओम नमः शिवाय, जय शिव शंभू जैसे नारों का उच्चारण करते हुए आगे बढ़ते रहते हैं। वही पूरे रास्ते शिवभक्त जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा देते हुए निरंतर अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ते रहते हैं। कोई शिव भक्त रास्ते में अगर थक के चूर हो गया हो तो उनके पीछे चलने वाले कावड़ यात्री उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कंधे से कंधा मिलाकर उन्हें सहयोग कर उनकी यात्रा पूर्ण करते हैं। यह सब दृश्य पूरे भारतवर्ष के लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह बात सच है कि इस कावड़ यात्रियों की वजह से उत्तराखंड के हजारों लोगों को रोजगार मिलता है जो की कावड़ यात्रियों के जरूरत के अनुसार पूरे रास्ते छोटे-छोटे दुकान और ढाबे के रूप में दिखता है परंतु दूसरा पक्ष यह है कि इन कावड़ यात्रियों के द्वारा इस्तेमाल किए गए वस्तुओं के कवर एवं अन्य प्लास्टिक कचरे से उत्तराखंड के रास्तों में, मंदिर प्रांगण में, होटल एवं ढाबों के आसपास के साथ-साथ नदी एवं नालों में भी प्लास्टिक के कूड़े का अंबार देखने को मिलता है। जो हमारे पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है एवं इन सभी जगहों के आसपास रह रहे और पल रहे जंगली जानवरों के लिए भी बेहद खतरनाक है जंगली जानवर इसका सेवन करते हैं और अंततोगत्वा मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। प्लास्टिक के कचरे में पाए जाने वाले मुख्य वस्तुएं निम्न प्रकार की है जिसमें कोल्ड ड्रिंक की बोतलें, चिप्स के खाली पैकेट, नूडल्स के पैकेट, पान मसाला एवं सिगरेट-तंबाकू के पैकेट, प्लास्टिक के बने छोटे छोटे डब्बे एवं थैले, खाने के प्लेट एवं प्लास्टिक के ग्लास, गंदे पुराने कपड़े आदि मुख्य रूप से मिलते हैं। यह सब प्लास्टिक की वस्तुएं हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाता है वही स्थानीय लोगों को रहने में भी बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है।...
